भारत सरकार लंबे समय से इलेक्ट्रिक गाड़ियों को बढ़ावा देने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है, ऐसे में कई बड़ी और स्टार्टअप कंपनियां इलेक्ट्रिक सेगमेंट में एंट्री की कोशिश में हैं. दुनिया की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक कार कंपनी टेस्ला भी बिजनेस को बढ़ाने के लिए पिछले काफी समय से इंडिया में एंट्री की कोशिश कर रही है लेकिन सरकार से कंपनी का ताल-मेल कुछ जम नहीं पा रहा है.
इस वक्त इलेक्ट्रिक कार सेगमेंट में टाटा मोटर्स का काफी दबदबा है और टेस्ला के भारत में एंट्री की खबरों से एक बात तो साफ है कि टाटा बिल्कुल भी नहीं चाहेगी कि टेस्ला की भारत में एंट्री हो. अगर भारत में टेस्ला की इलेक्ट्रिक कार सेगमेंट में एंट्री होती है तो टाटा का सीधा सामना टेस्ला से होगा. टेस्ला को टक्कर देने के लिए टाटा खेल रही ये बड़े दांव.
क्या टाटा का ये कदम खराब कर देगा टेस्ला का मार्केट?
टाटा ग्रुप ने हाल ही में इस बात का बड़ा ऐलान किया था कि कंपनी इलेक्ट्रिक व्हीकल्स में इस्तेमाल होने वाली बैटरी का प्रोडक्शन करने के लिए यूके में बड़ा प्लांट लगाने वाली है. शुरुआत में कंपनी इस प्लांट से अपने Jaguar और Land Rover जैसे ब्रैंड्स की डिमांड को पूरा करने के लिए काम करेगी.
गौर करने वाली बात यह है कि इस प्लांट के लिए कंपनी लगभग 4 अरब पाउंड (यानी लगभग 42 हजार 389 करोड़ रुपये) का निवेश करने की तैयारी में है. यूके में लगने वाले इस प्लांट का कहीं ना कहीं असर टेस्ला पर भी पड़ेगा. आसान भाषा में इसका मतलब यह हुआ है कि टाटा ग्रुप जल्द यूके यूरोप में टेस्ला की टेंशन बढ़ाने का काम कर सकता है.
टाटा ने पहले ही कर दिया खेल, इंडिया में टेस्ला की राह होगी मुश्किल
कुछ समय पहले टाटा ग्रुप ने एक बड़ा ऐलान करते हुए बताया था कि कंपनी गुजरात में गीगा फैक्ट्री सेटअप करने वाली है. टाटा की प्लानिंग इस फैक्टरी में बनने वाली बैटरी को अपने व्हीकल्स में इस्तेमाल करने की है. कंपनी अभी नेक्सॉन, टियागो और टिगोर के इलेक्ट्रिक मॉडल्स की सेल करती है.
टाटा ग्रुप इस मामले में गुजरात सरकार के साथ एमओयू साइन कर चुकी है, इस फैक्टरी के लिए टाटा ग्रुप 13 हजार करोड़ रुपये का निवेश करेगा और इस फैक्टरी में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के लिए बैटरियां बनकर तैयार होंगी.
कुल मिलाकर टाटा ग्रुप ने टेस्ला को कड़ी चुनौती देने के लिए ये दो बड़े दांव पहले ही खेल दिए हैं, ब्रिटेन में टेस्ला की मार्केट खराब करने के लिए बड़े पैमाने पर तैयार होने वाला प्लांट टेस्ला की फ्यूचर में टेंशन बढ़ा सकता है. वहीं, दूसरी तरफ इंडिया में अगर टेस्ला की एंट्री होती है तो गुजरात में लगने वाली टाटा ग्रुप की ये फैक्टरी भी टेस्ला की भारत में पकड़ बनाने की मंशा को फीका कर सकती है.
इंडिया में टेस्ला को ऐसी मिलेगी टाटा से टक्कर
टाटा अर्फोडेबल कीमत में इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बिक्री कर रही है, टेस्ला की भारत में एंट्री की खबरों के बाद पता चला था कि अगर टेस्ला की भारत में एंट्री होती है तो कंपनी 20 लाख रुपये से सस्ती इलेक्ट्रिक गाड़ी को ग्राहकों के लिए लॉन्च करेगी.
अगर टाटा भारत में ही इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के लिए बैटरी बनाएगी तो टाटा समूह ग्राहकों को कम कीमत में बढ़िया फीचर्स वाली इलेक्ट्रिक कारों ऑफर कर सकती है.