PM Narendra Modi’s Governance Model: अपने दो दशकों के कुशल नेतृत्व में, पहले बतौर गुजरात के मुख्यमंत्री और उसके बाद देश के प्रधानमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान पीएम मोदी ने शासन का एक अनूठा मॉडल तैयार किया है. उनका यह मॉडल हर स्तर पर देश के सभी नागरिकों की सेवा के लिए नवाचार, प्रौद्योगिकी और सार्वजनिक भागीदारी का कुशल मिश्रण है.
गुजरात में नवाचार और तकनीक आधारित शासन मॉडल
गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी ने प्रौद्योगिकी का उपयोग करके जमीनी स्तर पर लोगों की समस्याओं और शिकायतों को दूर करने की एक अनूठी अवधारणा और मिसाल पेश की. इसके तहत गुजरात की आम जनता यानी सभी नागरिकों और हितधारकों को एक मंच पर लाया गया. एक निर्धारित समय में सभी लोगों की शिकायतों का समाधान किया गया. यहां तकनीक के जरिए सभी शिकायतों के निस्तारण की प्रकिया पर नजर रखी गई. इस तरह कई मामलों में कुछ लोगों को उनकी समस्याओं का तत्काल समाधान भी मिला.
देश की कामयाबी का मॉडल
भारत यानी अखिल भारतीय स्तर पर बात करें तो गुजराच मॉडल की कामयाबी के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने देश की प्रगति के लिए अपने कुशल नेतृत्व और मार्गदर्शन में परियोजनाओं की शुरुआत की. एक प्रधानमंत्री के रूप में वो सक्रिय रूप से विभिन्न परियोजनाओं के सभी हितधारकों के साथ जुड़ते हैं. उनकी नजर हर जगह रहती है. वो हर प्रोजेक्ट की 360 डिग्री समीक्षा सुनिश्चित करते हैं. जिसमें जनता की प्रतिक्रिया का फीडबैक भी लिया जाता है. वो संवाद और संचार पर भरोसा रखते हैं. इसलिए आज के आधुनिक तकनीक का लाभ उठाते हुए सभी प्रोजेक्ट पूरे किए जाते हैं. किसी प्रोजेक्ट में आज डिजिटल डेटा बैंक, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और भू-स्थानिक तकनीकों का उपयोग प्रमुखता से किया जाता है.
जीवन को सशक्त बनाना
गुजरात: होम स्टेट गुजरात में उनकी चलाई गई ‘ज्योतिग्राम योजना’ घरों, उद्योगों और कृषि क्षेत्र को चौबीसों घंटे सुनिश्चित बिजली प्रदान करने का एक राष्ट्रीय मॉडल बन गई.
भारत: ‘उजाला योजना’ भारत में टिकाऊ रोशनी प्रदान करने वाला दुनिया का सबसे बड़ा शून्य-सब्सिडी घरेलू परियोजना है.
महिला उद्यमियों को प्रोत्साहित करना
गुजरात: ‘मिशन मंगलम’, राज्य की महिला उद्यमियों को अपनी आजीविका कमाने के साथ उन्हें स्वतंत्र रूप से सशक्त बनाने में सफल रहा.
भारत: स्टैंड-अप इंडिया अस्तित्व में आया. जिसमें अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति और महिलाओं के नेतृत्व वाले उद्यमों का वित्तीय मदद दी गई.
जनभागीदारी
गुजरात: जन भागीदारी ने सरकारी कार्यक्रमों को रण उत्सव, नदी उत्सव, हस्तशिल्प उत्सव, विकास उत्सव और खादी उत्सव जैसे त्योहारों में बदल दिया.
भारत: इसी दर्शन का विस्तार किया गया, जिससे ‘स्वच्छ भारत’ और ‘वोकल फॉर लोकल’ जैसे राष्ट्रीय आंदोलनों को जन्म दिया गया.
बुनियादी ढांचा और कनेक्टिविटी
गुजरात: पूरे राज्य में व्यापक सड़क कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए “9-रोड नेटवर्क” की अवधारणा पेश की गई थी. इसने संरेखण योजना के लिए BISAG-N उपग्रह प्रौद्योगिकी का उपयोग किया.
भारत: “पीएम गति शक्ति मास्टरप्लान” का लक्ष्य व्यापक कनेक्टिविटी, वस्तुओं, सेवाओं और नागरिकों की सुचारू आवाजाही की सुविधा प्रदान करना है.
आधुनिकता के साथ विरासत का सम्मिश्रण
गुजरात: गुजरात मॉडल ने हमारी विरासत को हमारे आधुनिक आवेगों के साथ सहजता से जोड़ा है. धोलावीरा विकास, गुजरात में बौद्ध सर्किट का विकास, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर काम शुरू करना, रण उत्सव शुरू करना और मकर संक्रांति महोत्सव को बढ़ावा देना जैसे क्षेत्रों में निरंतर और केंद्रित कार्य.
भारत: प्रसाद योजना, हृदय योजना, स्वदेश दर्शन योजना के माध्यम से स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए धार्मिक पर्यटन पर नए सिरे से ध्यान केंद्रित करते हुए काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, महाकाल कॉरिडोर, अयोध्या धाम आदि जैसे कई मंदिरों का जीर्णोद्धार किया गया.
खेलों को बढ़ावा देना
गुजरात: “खेल महाकुंभ” ने युवाओं के लिए राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर खेलों में उत्कृष्टता हासिल करने की नींव रखी.
भारत: “खेलो इंडिया” कार्यक्रम का उद्देश्य जमीनी स्तर से भारत की खेल संस्कृति को फिर से जीवंत करना है.
इस तरह नवाचार, जनभागीदारी और समग्र विकास पर आधारित पीएम नरेंद्र मोदी का शासन मॉडल, गुजरात से पूरे भारत तक एक विकासशील यात्रा रही है. इस मॉडल में मुख्य सिद्धांत सुसंगत बने रहते हैं और समस्त योजनाएं सही मायनों में कामयाब रहती हैं.