लोकसभा चुनाव में बीजेपी से मुकाबला करने के लिए बने विपक्षी गठबंधन ‘INDIA’ की तीन महीने के बाद मंगलवार को दिल्ली में बैठक होने जा रही है. 2024 चुनाव की तैयारियों और रणनीति बनाने के लिए INDIA गठबंधन में सीट बंटवारा, न्यूनतम साझा कार्यक्रम और बीजेपी को घेरने के एजेंडा पर विचार-विमर्श किया जाएगा. हाल में विधानसभा चुनावों में झटके के बाद बीजेपी से मुकाबला करने के लिए संयुक्त रणनीति INDIA गठबंधन के सामने मुख्य चुनौती है, जिस पर नए सिरे से चर्चा होगी?
दिल्ली के अशोका होटल में हो रही INDIA गठबंधन की बैठक में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे शामिल होंगे. साथ ही सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, टीएमसी प्रमुख व पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, आरजेडी से लालू प्रसाद यादव, तेजस्वी यादव शिरकत करेंगे. फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती और आरएलडी से जयंत चौधरी मौजूद रहेंगे.
पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के बाद विपक्षी गठबंधन की मंगलवार को बैठक हो रही है, जिसमें चुनावी नतीजों पर भी चर्चा संभव है. सीट शेयरिंग कांग्रेस के लिए सबसे बड़ा पॉइंट हो सकता है, क्योंकि मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद ममता बनर्जी ने शीट शेयरिंग सवाल उठाए थे. विपक्षी बैठक विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन की पृष्ठभूमि में हो रही है. राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा है. सपा प्रमुख अखिलेश यादव लगातार तेवर दिखा रहे हैं तो अरविंद केजरीवाल पंजाब की सभी 13 सीटों पर चुनाव लड़ने का संकेत दे चुके हैं.
गठबंधन की बैठक का क्या एजेंडा है?
INDIA गठबंधन की बैठक का क्या एजेंडा होगा, ये सार्वजनिक तौर पर सामने नहीं आया है. लेकिन, जिस तरह से चार महीने के बाद यह विपक्षी दल के नेता जुट रहे हैं, उससे एक साथ साफ है कि पार्टियां सीट-बंटवारे का रोडमैप तैयार करेंगी, संयुक्त रैलियों और चुनावी अभियान कार्यक्रमों को अंतिम रूप देंगी. विपक्षी पार्टियां लोकसभा चुनावों में बीजेपी का मुकाबला करने के लिए वैकल्पिक, सकारात्मक एजेंडे पर चर्चा करेंगी.
सूत्रों की माने तो कांग्रेस सूत्रों ने कहा कि विपक्ष को मैं नहीं, हम,’ के नारे साथ आगे बढ़ने का मंशा को लेकर चलना होगा. विपक्षी गठबंधन जातीय आधारित गणना, न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी और श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा के मुद्दों को आगे बढ़ा सकता है.
दस प्वाइंट में समझें कैसाी रहेगी गठबंधन की बैठक
- कांग्रेस फ्लेक्सिबल रहेगी
- मोदी हटाओ का बीजेपी नैरेटिव चलाए, उससे पहले वैकल्पिक एजेंडा देने का प्रस्ताव आएगा.
- सीट बंटवारे के लिए राज्यवार जल्दी से जल्दी चर्चा और फैसलों पर सहमति बनेगी.
- संयोजक और चैयरपर्सन के नाम पर चर्चा अगर कोई सहयोगी करेगा तो ही होगी.
- जल्दी ही एक संयुक्त रैली का एलान होगा.
- आम आदमी पार्टी, ममता बनर्जी और अखिलेश पर नरम रुख रखा जाएगा.
- लेफ्ट के साथ सीटों का तालमेल हो या न हो, लेकिन आपसी समझ बेहतर है.
- दिल्ली और पंजाब पर केजरीवाल का बैठक में रुख देखकर राय रखी जायेगी.
- उद्धव ठाकरे जैसे केजरीवाल से बात करेंगे, वैसे ही अलग अलग दलों को वक़्त का तकाजा समझाने के लिए ज़िम्मेदारी अनौपचारिक तौर पर दी जाएगी, जिससे किसी ईगो को सेटिस्फाइ किया जा सके
- संसद में सरकार के तानाशाही रवैये के बाद कांग्रेस को आस है कि, सांसदों को भारी संख्या में निलंबन फेविकोल का काम करेगा.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि INDIA गठबंधन के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार का फैसला 2024 के चुनावों के बाद किया जाएगा. उन्होंने विश्वास जताया कि लोकसभा के चुनाव में बीजेपी को हराने के लिए गठबंधन सीट-बंटवारे समेत सभी मुद्दों को सुलझा लेगा. सीट बंटवारे की देरी के सवाल पर उन्होंने कहा कि देर आए, दुरुस्त आए. टीएमसी प्रमुख ने कहा कि वह गठबंधन सहयोगियों के लिए देश भर में प्रचार करने के लिए तैयार हैं.
बिहार के उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव ने यहां संवाददाताओं से कहा कि पहले गठबंधन की जो समितियां बनाई गई थीं, वे पर्दे के पीछे काम कर रही थीं और चुनाव की तैयारी की जा रही थी. तेजस्वी ने कहा कि विपक्षी समूह में हर कोई अपनी भूमिका निभाएगा. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि क्षेत्रीय दल बहुत मजबूत हैं. जहां भी क्षेत्रीय पार्टियां हैं, वहां बीजेपी कहीं नजर नहीं आती हैं. देश की ज्यादातर क्षेत्रीय पार्टियां INDIA गठबंधन के साथ हैं.
विपक्षी गठबंधन ने क्या-क्या कदम उठाए
2024 के लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी को सत्ता की हैट्रिक लगाने से रोकने के लिए विपक्षी दल आपसी मतभेद भुलाकर एक साथ आए हैं. 27 विपक्षी दलों के ‘INDIA’ गठबंधन की अब तक कुल तीन बैठक हुई है. दो दिवसीय विचार-विमर्श में, गठबंधन ने आगामी आम चुनावों के लिए प्रमुख चुनावी मुद्दों पर चर्चा की, समन्वय समिति बनाई, और 2024 के भारतीय आम चुनावों को ‘जहां तक संभव हो’ एक साथ लड़ने के लिए तीन सूत्री प्रस्ताव पारित किया. पहली बैठक की मेजबानी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना में की थी.
यहीं पर विपक्षी पार्टियों ने ‘बीजेपी को सत्ता से हटाने’ के लिए आगामी लोकसभा चुनाव एक साथ लड़ने का संकल्प लिया था. इसके बाद विपक्षी गठबंधन की दूसरी बैठक बेंगलुरु में हुई, जहां पर विपक्षी गठबंधन के नाम तय हुआ. भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन (INDIA) की घोषणा की गई. विपक्षी गठबंधन की तीसरी बैठक मुंबई में हुई थी, जिसमें अलग-अलग समिति का गठन किया गया था.
विपक्षी गठबंधन की चौथी बैठक क्यों अहम?
‘INDIA’ गठबंधन की चौथी बैठक दिल्ली में हो रही है, जिसके खास सियासी मायन है. पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद पहली बार आयोजित हो रही है. ऐसे में अगर विपक्ष इस बैठक में साथ मिलकर लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटने का संकल्प नहीं ले पाता है तो, उसका बीजेपी से मुकाबला करना आसान नहीं होगा. कांग्रेस को सहयोगी दलों के साथ लेकर चलने की चुनौती है, जिसमें अखिलेश यादव से लेकर अरविंद केजरीवाल और ममता बनर्जी के साथ नरम रुख अपनाना होगा. कांग्रेस को सभी दलों को अपने साथ बांधने और उन्हें सम्मानपूर्वक हिस्सेदारी देने पर भी कुछ सहमति देनी होगी, वरना बात बिगड़ी सकती है.
INDIA बैठक में किन मुद्दों को लेकर 2024 के चुनाव में जाना है और बचे हुए समय में उसे कैसे जनता के सामने रखना है, इस पर जल्द फैसला करना होगा. INDIA गठबंधन बनने के बाद से अभी तक संयुक्त रूप से कोई सार्वजनिक रैली नहीं हो पाई, इस पर स्थिति साफ करना होगा, नहीं तो जनता के बीच भ्रम की स्थिति बनी रहेगी.राज्यों में क्षेत्रीय दलों का कांग्रेस के साथ विवाद भी सुलझाना होगा, तभी कुछ सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेगा. ऐसे में देखना है कि दिल्ली की बैठक में किन एजेडों पर विपक्षी गठबंठन के बीच सहमति बनती है और किस पर नहीं?